“कहानियाँ हमारे सीखने और सिखाने के प्राथमिक साधन हैं, हमारी विद्या और दिव्य चरित्रों का खज़ाना हैं। वे हमारी अव्यवस्थित दुनिया में व्यवस्था लातें हैं। सोचिए आप दिन में कितनी बार कहानियों के ज़रिए डेटा, अंतर्दृष्टि, यादें और सामान्य बुद्धि की सलाह देते हैं।”
– एडवर्ड मिल्लर, एडवर्ड एलिमेंट्री के संस्थापक, इलसट्रेटर एवं उत्पाद डिज़ाइनर: बोट्स ऑन द रिवर
कहा जाता है कि “कहानियों से हम एक संबंध जोड़ते हैं और इसी संबंध से पाठक की रुचि बढ़ती है।” लोग वर्षों तक इन कहानियों को याद रखते हैं। इन्हें बार-बार दोहराया जाता है, जिससे समाज को प्रकृति का ज्ञान प्राप्त होता है और किस तरह मानव वातावरण के अनुसार खुद को कैसे बदलता है। कहानियाँ हमारे समाज और संस्कृति के मूल्यों और आदर्शों को दर्शाती हैं।
सही चयन से, कहानियों द्वारा मुश्किल समस्या भी दर्शकों तक बड़ी सरलता और सुगमता से पहुँचाई जा सकती है। इस संबंध और विश्वास के साथ दर्शकों का
एक नया सफर शुरू होता है।
जब बच्चे विविध शैलियों की कहानियाँ सुनते हैं, जैसे काशी माजिली की कहानियाँ, विक्रम बेताल, परीकथाएं, अरेबियन नाईट्स और हमारे नेताओं की जीवनी, तो वो उनसे प्रेरित होकर उनका अनुकरण करते हैं। नैतिक कहानियों से आध्यात्मिक विकास होता है। कहानियाँ हमारे जीवन के मार्गदर्शक हैं।
कहानियाँ हमारे दैनिक जीवन का भी हिस्सा हैं। शास्त्रों से कहानियाँ सुनाकर या अभिनय करके, त्योहारों को मनाया जाता है। परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ हमारी रोज़ की बातचीत कहानियों के रूप में बतायें गए हमारे अनुभव हैं। स्कूल में, हम कहानियों के ज़रिए नए काॅन्सेप्ट को समझते हैं, जैसे ग्रॅविटी का पाठ ‘सेब न्यूटन के सर पर कैसे गिरा’ इस कहानी द्वारा सिखाना अनिवार्य है।
इसलिए कहानियों की हमारे जीवन में एक विशेष भूमिका होती है। लायब्रेरियन के रूप में, मैं अपने छात्रों को विभिन्न प्रकार के कहानियों और उनसे जुड़े गतिविधियों में व्यस्त रखती हूँ। इससे हम छात्रों को
आयबी लर्नर प्रोफाइल के महत्व बताते हैं। यह छात्रों को कक्षा में उत्साही बनने, समुदाय की भावना को बढ़ाने और सहयोग करने का प्रोत्साहन देता है। जो छात्र कहानियाँ सुनते हैं, वे स्वयं कहानियाँ लिखने, और उसे अपने सहपाठियों को सुनाने के लिए प्रेरित होते हैं।
सिल्वर ओक्स इंटरनेशनल स्कूल (वैज़ाग शाखा) बच्चों के जन्मदिन पर कहानियों की किताबें देकर पढ़ने को बढावा देते हैं। किताबें देने की यह प्रथा हमारे अतिथि वक्ताओं से लेकर अन्य दाताओं तक जारी है जो हमारे छात्रों की शिक्षा में योगदान देना चाहते हैं। पढ़ने का शौक बढ़ाने के लिए, मैंने विभिन्न आयु के बच्चों के लिए प्रति वर्ष 20 कहानियों का एक पुस्तकालय लक्ष्य निश्चित किया है।
मेरे पुस्तकालय वर्गों में, छात्र अपनी पहल का उपयोग करते हैं और अपनी शिक्षा की ज़िम्मेदारी स्वयं ही उठाते हैं। उन्हें अपनी पसंद की पुस्तक चुनने और कहानियाँ, साधन और जानकारी को अपने साथियों के साथ साझा करने का अधिकार है। मैं छात्रों को अपनी बात सुनाने का और अपनी रुचि बताने का पूरा मौका देती हूँ। हमारे पुस्तकालय में छात्रों को सोचने, योजना बनाने, सहयोग करने, सुधारने, सामाजिक बनने, चिंतन करने के लिए स्थिति अनुरूप स्थान प्रदान किया गया है। यहाँ सबसे कम उम्र के सदस्य के लिए भी स्वतंत्रता स्थापित करने के लिए मंच और सहयोग उपलब्ध है। छात्र ज़िम्मेदार निर्णय लेते हैं और पुस्तकालय में स्वतंत्रता और स्वशासन से नेविगेट करते दिखाई देते हैं।
मैं आय बी लर्नर प्रोफाइल, ट्रांसडिसिप्लिनरी स्किल्स और काॅनसेप्ट्स को कहानियों द्वारा यूनिकट्स ऑफ इंक्वायरी से जोड़ती हूँ। अपनी शिक्षा को साझा करने के लिए अक्सर छात्र तकनीकी साधन और विभिन्न ऐप का उपयोग करते हुए पाए जाते हैं। मैं ज़ोर से पढ़ने, उद्देश्य से पढ़ने, कहानियाँ सुनाने की पाँच कुंजी, साक्षरता का समर्थन जैसे माध्यमों से जुड़ती हूँ।
जीवन के अनुभव और कहानियाँ सुनाने के मेरे जुनून ने मुझे सभी आयु वर्गों के लिए मेरा अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने के लिए प्रेरित किया है,(चैनल का नाम- श्री वल्ल गाविचेरला) जो हमारे वर्तमान दैनिक जीवन के अनुसार पुरातन कहानियाँ सुनाने के लिए समर्पित है।
मुझे लाॅयब्रेरियन बनना पसंद है क्योंकि लाॅयब्रेरियन के रूप में मेरी सेवाएँ, मज़बूत लाइब्रेरी बनाने, जिज्ञासु और जानकारी शोधकर्ताओं के निर्माण और एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में मेरा योगदान है।
Original blog article “Spread The Stories” written by Sri Valli Gavicherla.
श्री वल्ली गाविचेरला
सिल्वर ओक्स इंटरनेशनल स्कूल, वैज़ाग
हिन्दी अनुवाद- नम्रता शेट्टी
हिलस्प्रिंग इंटरनॅशनल स्कूल, मुंबई